मध्य प्रदेशराज्य

भोपाल के बाजार में काजू छोड़कर सभी ड्राईफ्रूट्स के दाम बढ़े, सबसे ज्यादा महंगा मामरा बादाम

 भोपाल 

हलवा-खीर या किसी अन्य मिष्ठान का स्वाद तबतक पूरा नहीं होता, जबतक उसमें ड्राईफ्रूट्स की गार्निशिंग न पड़ जाए। ऐसे में अब ये स्वादिष्ट मिष्ठान खाना काफी महंगा हो गया है। हलवा-खीर जैसे स्वादिष्ट व्यंजनों में डाले जाने वाले सूखे मेवे तेजी से काफी महंगे हो रहे हैं। देश में ज्यादातर सूखे मेवे विदेशों से आते हैं। ईरान-इजराइल युद्ध का बड़ा असर सूखे मेवों पर भी दिखने लगा है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाजार की बात करें तो यहां अबतक काजू छोड़ ज्यादातर सूखे मेवों के दामों में तेजी आई है। सबसे ज्यादा तेजी मामरा बादाम में आई है। अंजीर के दाम घटते-घटते अचानक फिर से बढ़ने लगे हैं।

 अटारी-वाघा बॉर्डर बंद होने से अफगान से आने वाले अंजीर, किशमिश, काली दाग, बादाम और अखरोट की आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। ईरान से आने वाले पिस्ता और मामरा बादाम की आवक पर भी असर आया है। अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और ब्राजील से आयातित अखरोट के दाम भी 100-150 रुपए प्रति किलो की तेजी बताई जा रही है। हालांकि केसर के दाम में विशेष तेजी नहीं है। स्थानीय थोक बाजार में केसर के दाम 210 रुपए प्रति ग्राम बताए जा रहे हैं। इन सूखे मेवों की तेजी को काजू ने संभाला है। काजू के भाव स्थिर बताए जा रहे हैं।

कीमत में वृद्धि से ग्राहक परेशान
भोपाल में रोजाना हजारों किलो काजू, बादाम, अंजीर, मनुक्का और मखाना की बिक्री होती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से मिठाइयों में सूखे मेवे का चलन बढ़ा है, लेकिन कीमतों में बढ़ोतरी ने ग्राहकों को परेशानी में डाल दिया है। तंजानिया, रत्नागिरी और गोवा से काजू की बंपर आपूर्ति होना बताया जा रहा है। इसके दाम थोक बाजारों में 800-1200 रुपए प्रति किलो बताए जा रहे हैं। इसी प्रकार किशमिश में 100 रुपए किलो की तेजी आ गई है। मामरा बादाम 3200 से 3500 रुपए बिक रही है। इसमें 600/700 रुपए प्रति किलो की तेजी है। बादाम 700/800 रुपए रुपए प्रति किलो के भाव पर थोक बाजार में बिकना बताया गया।

क्या कहते हैं जानकार?
शहर के थोक किराना कारोबारी अपूर्व पवैया का कहना है कि, वैश्विक स्तर पर स्थिति ठीक नहीं होने का असर आयात-निर्यात पर पड़ता दिख रहा है। सूखे मेवों में जून माह में ही 5 से 10 फीसदी तक की तेजी आ गई है। खुदरा किराना कारोबारी विनय जैन का कहना है कि ड्राई फ्रूट्स में मांग काफी कमजोर हो गई है। मिठाई कारोबारी कुश हरवानी बताते हैं कि अभी मिठाईयों के रेट स्थिर है, लेकिन सूखे मेवों में इसी तरह तेजी जारी रही तो आगे भाव में अंतर आ सकता है।

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