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ED का दावा: हरियाणा लैंड डील से रॉबर्ट वाड्रा को 58 करोड़ का फायदा

चंडीगढ़ 

हरियाणा के गुरुग्राम स्थित डीएलएफ प्रोजेक्ट की लैंड डील में अनियमितता की जांच कर रही ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा पर 58 करोड़ रुपये हासिल करने का आरोप लगाया है। एजेंसी का कहना है कि शिकोहपुर गांव में जो जमीन खरीदी गई थी, उसमें गड़बड़ी थी और उससे 58 करोड़ रुपये की रकम वाड्रा को मिली थी। ईडी ने इस केस में बीते सप्ताह ही रॉबर्ट वाड्रा समेत 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। शिकोहपुर में ही गुरुग्राम का सेक्टर 83 बसा हुआ है। इस जमीन को डीएलएफ ने खरीदा था और वहां कई सोसायटियां बस गई हैं। फिलहाल यहां जमीन काफी महंगी है, लेकिन एक समय में यहां 3.5 एकड़ की भूमि महज 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी।

यह जमीन रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर ली गई थी। फिर इसे डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में 2012 में बेच दिया गया था। यह मामला तब सामने आया, जब आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने इस जमीन के म्यूटेशन यानी दाखिल खारिज पर रोक लगा दी थी। इस केस में रॉबर्ट वाड्रा से एजेंसी कई राउंड की पूछताछ कर चुकी है और उसके आधार पर ही चार्जशीट दाखिल की गई है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस लैंड डील के लिए 53 करोड़ रुपये का भुगतान स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के नाम से किया गया था। इसके अलावा 5 करोड़ रुपये ब्लू ब्रीज ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दिए गए। आरोप है कि रॉबर्ट वाड्रा के नाम जमीन जाने के बाद उसका लैंड यूज बदला गया था।

ईडी का कहना है कि इस रकम का इस्तेमाल रॉबर्ट वाड्रा ने इस पूंजी का इस्तेमाल कुछ अचल संपत्तियों की खरीद, निवेश, लोन चुकाने आदि में किया। ईडी का कहना है कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को कॉमर्शियल लाइसेंस देने के मामले में भी काफी गड़बड़ियां की गई थीं। बता दें कि इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज है। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पहली बार खुलकर रॉबर्ट वाड्रा का बचाव किया है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि यह सरकार बीते 10 सालों से मेरे जीजा को बेवजह ही परेशान कर रही है। यह सरकार उनसे बदले की राजनीति के तहत ऐसा कर रही है।

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