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हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी: ‘देशभक्ति दिखाओ, गाजा की नहीं’ – CPM को सुनाई खरी-खरी

मुंबई 
CPI(M) की याचिका को बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामला गाजा में हुई मौतों के विरोध में सभा करने की अनुमति न देने का था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीपीआईएम को जमकर फटकार लगाई। बेंच ने कहा कि देश में इतनी सारी समस्याएं हैं, उनसे आप प्रभावित नहीं हो रहे हैं और हजारों मील दूर गाजा में क्या हो रहा है, वह आपको परेशान कर रहा है? जस्टिस ने याचिका

क्या थी याचिका
पुलिस, प्रशासन और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सीपीआईएम ने याचिका की थी। सीपीआईएम के वकील मिहिर देसाई ने कोर्ट में कहा कि वह सिर्फ आज़ाद मैदान में मीटिंग करना चाहते थे। वे विरोध मार्च नहीं निकालना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आजाद मैदान विरोध- प्रदर्शन करने के लिए निर्धारित किया गया है।जस्टिस आरवी घुगे और जस्टिस गौतम अंखाड की बेंच ने कहा कि पार्टी के पास याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पार्टी ने खुद अनुमति नहीं मांगी थी।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने क्या कहा
हाई कोर्ट ने कहा कि अनुमति ऑल इंडिया पीस एंड सॉलिडेरिटी फाउंडेशन (AIPSF) ने मांगी थी और उसे ही याचिका का अधिकार है। पिछले महीने सीपीआईएम गाजा मुद्दे पर आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए AIPSF ने मुंबई पुलिस को अर्जी देकर प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी। इसे मुंबई पुलिस ने नामंजूर कर दिया था।

हाई कोर्ट ने किए सवाल पर सवाल
हाई कोर्ट ने याचिका पर नाराजगी जताई। जस्टिस ने वकील मिहिर देसाई से पूछा कि याचिकाकर्ता भारत में कचरा, अवैध पार्किंग, बाढ़ और जल निकासी जैसी समस्याओं पर ध्यान क्यों नहीं देते? कोर्ट ने हैरानी जताई कि इन मुद्दों पर याचिका नहीं होती। जस्टिस ने वकील से पूछा कि उनके क्लाइंट्स हजारों मील दूर हो रही घटनाओं से कैसे प्रभावित हैं?

जस्टिस बोले-देशभक्त बनो
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, 'देशभक्त बनो… अपने देश के मुद्दों पर बोलो।' वकील मिहिर देसाई ने बेंच से पूछा कि क्या इसका मतलब यह है कि बोलने और व्यक्त करने की आजादी सिर्फ भारत में हो रही चीजों के बारे में है? उन्होंने दुनिया भर के लोकतंत्रों में इस मुद्दे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन होने की बात सहकर बेंच ने सवाल किए।

हाई कोर्ट ने जताई हैरानी
हाई कोर्ट ने कहा, 'हमारे देश में पहले से ही बहुत सारी समस्याएं हैं। हमें उनपर ध्यान देना चाहिए। हमें ऐसा कुछ नहीं चाहिए कि वे समस्याएं हल हों। मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि आप सब लोग दूर की नहीं सोच रहे हैं… आप गाजा के मामले को देख रहे हैं। अपने देश को देखो।'

 

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