मध्य प्रदेशराज्य

उज्जैन में नागचंद्रेश्वर के दर्शन को उमड़ा आस्था का सैलाब, 90 हजार श्रद्धालुओं ने लगाए दर्शन

उज्जैन 

नागपंचमी के मौके पर मध्यप्रदेश के शिवालयों और नाग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट रात 12 बजे खोले गए। 

बारिश के बावजूद गेट नंबर 4 पर भक्तों की 2 किमी लंबी लाइन लगी है। श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट हर साल सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन 24 घंटे के लिए खोले जाते हैं। क्राउड मैनेजमेंट और सिक्योरिटी के लिए 200 सीनियर अफसर, 2500 कर्मचारी, 1800 पुलिसकर्मी और 560 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

मंगलवार दोपहर 12 बजे महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से पूजन होगा। शाम को भगवान महाकाल की आरती के बाद पुजारियों और पुरोहितों द्वारा अंतिम पूजा की जाएगी। इसके बाद रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

उधर, सेंधवा के नांगलवाड़ी में अब तक 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु भिलटदेव के दर्शन कर चुके हैं। इससे पहले सोमवार रात 10 बजे बाबा का दूध से अभिषेक किया। रात 1 बजे फूलों से श्रृंगार हुआ। सुबह 4 बजे महाआरती के बाद 56 पकवानों का भोग लगाया गया।

11वीं शताब्दी की दुर्लभ प्रतिमा श्री नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है। इसमें शिव और पार्वती, फन फैलाए नाग के आसन पर विराजमान हैं। शिव नाग शैय्या पर लेटे हैं। मां पार्वती और भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाएं बैठी मुद्रा में हैं।

प्रतिमा में सप्तमुखी नाग देवता, नंदी और सिंह भी हैं। शिव के गले और भुजाओं में नाग लिपटे हैं।

श्री महाकालेश्वर मंदिर की संरचना तीन खंडों में है। सबसे नीचे महाकालेश्वर का गर्भगृह, दूसरे खंड में ओंकारेश्वर मंदिर जबकि तीसरे और शीर्ष खंड पर श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर है।

इतिहासकारों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा बोजराजा ने 1050 ईस्वी के आसपास कराया था। 1732 ईस्वी में सिंधिया राजघराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।

नांगलवाड़ी में 6 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान सेंधवा के नांगलवाड़ी में श्रद्धालु, बारिश के बीच साढ़े तीन किमी का पहाड़ी रास्ता पैदल तय कर भिलटदेव के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मुख्य पुजारी राजेंद्र बाबा ने कहा- इस साल मंगलवार के दिन नागपंचमी आई है। मंगलवार को बाबा भिलटदेव का दिन माना जाता है। ऐसे में आज 6 लाख भक्तों के यहां आने का अनुमान है।

शिखर धाम से लेकर मेला ग्राउंड तक 100 मीटर के दायरे में 50 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 500 पुलिसकर्मियों के अलावा मंदिर समिति के वॉलिंटियर्स भी सुरक्षा में लगे हैं। आठ जगहों पर पार्किंग व्यवस्था की गई है। रास्तों को वन वे रखा गया है।

महाकाल की सवारी में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे

श्रावण मास के तीसरे सोमवार को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। विनायक चतुर्थी होने के कारण भगवान महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। शाम को महाकाल की तीसरी सवारी मंदिर से निकली। इसमें भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित हुए, जबकि भगवान श्री मनमहेश को हाथी पर और श्री शिव-तांडव की प्रतिमा को गरूड़ रथ पर विराजित किया गया।

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