बिहारराज्य

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, बोले – झारखंड में DGP पद 10 दिन से खाली

रांची

झारखंड में बीते 10 दिनों से डीजीपी का पद खाली रहने पर बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहाँ बीते दस दिनों से डीजीपी का पद खाली है और जो ‘डीजीपी' जैसे काम कर भी रहा है, वो बिना वेतन के सेवा दे रहा है! वाह मुख्यमंत्री जी, ये तो नया भारत निर्माण है — ‘बिना वेतन, बिना संवैधानिक वैधता, सिर्फ भ्रष्टाचार के दम पर प्रशासन'! धनबाद, हज़ारीबाग़, रामगढ़, बोकारो जैसे कोयला वाले ‘‘कमाऊ'' इलाके समेत और बाकी के खनिज इलाक़ों में भी ‘बिना वेतन, केवल कमीशन आधारित सेवा' के लिए ‘‘रिटायर्ड और अनुभवी'' लोगों से आवेदन मंगवाइए। जो काम डीजीपी साहब कर रहे हैं, वही मॉडल लागू कीजिए, जहाँ वेतन की जगह ‘वसूली' हो और संविधान की जगह ‘किचन कैबिनेट' के आदेश मान्य हों।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दरअसल, ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य सरकार ने न केवल संविधान के अनुच्छेद 312 को नकारा है, जो यू पी एस सी को अधिकार देता है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के निर्देशों को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया है। हेमंत सोरेन अब शायद खुद को सर्वोच्च न्यायालय से भी ऊपर मान बैठे हैं और प्रशासन को नीचे, बहुत नीचे गिरा दिया है।आज झारखंड वहाँ पहुँच चुका है जहाँ जे पी एस सी की हर कुर्सी बोली पर बिक रही है और यूपीएससी से चयनित अधिकारियों को भी ‘रेट लिस्ट' से होकर गुजरना पड़ता है।

योग्यता नहीं, सुविधा शुल्क आधारित प्रशासन
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत जी, आपने तो एक क्रांतिकारी प्रयोग कर डाला — ‘योग्यता नहीं, सुविधा शुल्क आधारित प्रशासन।' जो परंपरा आपने शुरू की है, वो न सिर्फ सरकारी व्यवस्था की विश्वसनीयता का अंतिम संस्कार कर रही है, बल्कि आने वाले वर्षों में झारखंड के प्रशासनिक ढांचे के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button