पंजाबराज्य

पंजाब में बेअदबी कानून पर रोक, विधेयक भेजा गया सिलेक्ट कमेटी के पास

पंजाब
पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में मंगलवार को धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर पेश किए गए बिल पर बहस हुई। 14 जुलाई को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह विधेयक पेश किया था। बहस के बाद भी विधेयक पास नहीं किया गया, बल्कि मुख्यमंत्री मान के प्रस्ताव पर इसे सिलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया। सिलेक्ट कमेटी इस बिल पर काम करते हुए सभी धार्मिक संस्थाओं और लोगों से राय लेगी। इसके लिए 6 महीने का समय तय किया गया है। इसके बाद इस बिल को दोबारा विधानसभा में पेश किया जाएगा। स्पीकर कुलतार सिंह संधवां इस कमेटी का गठन करेंगे।

बिल पर हुई चर्चा, सभी दलों का समर्थन
इससे पहले बेअदबी बिल पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म में बहुत भी व्यापक ग्रंथ हैं। सभी सनातन ग्रंथों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए। विपक्ष ने नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बाजवा ने कहा कि ऐसे बिल पर गहन अध्ययन की जरूरत होती है। इसमें ग्रंथ चोरी होने का जिक्र नहीं है। बेअदबी पर तय सीमा में जांच करने का प्रावधान करनी चाहिए। 30 दिन का समय तय किया जाना चाहिए। अगर 30 दिन में जांच पूरी नहीं होती तो एसएसपी की अनुमति के बाद ही आगे 15 दिन का और समय दिया जाना चाहिए। इसके सिर्फ डीजीपी की अनुमति के बाद ही जांच का समय आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अलावा अन्य धार्मिक ग्रंथ भी हैं, जिनका भी सम्मान और सत्कार किया जाना चाहिए। उनकी बेअदबी नहीं होनी चाहिए। यह कानून हम पास कर भेजेंगे, और वह संसद में भी पास होना चाहिए।

दोषी को 10 साल से उम्र कैद तक का प्रावधान
सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब में पवित्र ग्रंथों के खिलाफ अपराध रोकथाम विधेयक-2025 को मंजूरी दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधेयक को पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में भी पेश किया। प्रस्तावित कानून के तहत बेअदबी के दोषी को 10 साल से उम्र कैद का प्रावधान है। दोषी को परोल भी नहीं मिलेगी।

बेअदबी की कोशिश करने वालों को तीन से पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। विधेयक में प्रस्ताव है कि अपराध के लिए उकसाने वालों को अपराध के अनुसार सजा मिलेगी। श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद्गीता, बाइबल, कुरान शरीफ समेत अन्य ग्रंथों की बेअदबी के आरोपियों पर केस का ट्रायल चलाने के लिए राज्य में विशेष अदालतें गठित की जाएंगी। इन विशेष अदालतों में केवल बेअदबी से जुड़े मामलों को फास्ट ट्रैक की तर्ज पर संचालित किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button