1 अगस्त से UPI में बड़े बदलाव! ये 3 नियम हर यूजर को जानना जरूरी

नई दिल्ली
1 अगस्त 2025 से UPI से जुड़े नए नियम लागू हो रहे हैं। अगर आप रोज Paytm, PhonePe, GPay या किसी और UPI ऐप से पेमेंट करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए जरूरी हैं। UPI सिस्टम को मैनेज करने वाली नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ये लिमिट्स इसीलिए तय की हैं ताकि सिस्टम पर दबाव कम हो और ट्रांजैक्शन फेल या डिले जैसी दिक्कतें घटें। ये बदलाव जरूरी ट्रांजैक्शन्स को प्रभावित नहीं करेंगे, लेकिन बैलेंस चेक, स्टेटस रीफ्रेश जैसी चीजों पर लिमिट जरूर लगाई जा रही है। NPCI का कहना है कि इससे UPI ज्यादा स्मूद और भरोसेमंद बनेगा, खासतौर पर उस वक्त जब ज्यादा लोग एक साथ ट्रांजैक्शन करते हैं।
1 अगस्त से UPI पर क्या नई लिमिट्स लगेंगी?
अगले महीने से UPI यूजर्स सिर्फ 50 बार ही अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर पाएंगे। इसके अलावा, जो यूजर्स अपने मोबाइल नंबर से लिंक बैंक अकाउंट्स को बार-बार चेक करते हैं, वो भी अब सिर्फ 25 बार ही ऐसा कर सकेंगे। ये लिमिट्स इसीलिए लाई गई हैं ताकि बिना जरूरत के सिस्टम पर लोड ना पड़े, जिससे अक्सर स्पीड स्लो हो जाती है या ट्रांज़ैक्शन फेल हो जाते हैं।
नए नियमों की वजह क्या है?
NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने बताया कि अप्रैल और मई 2025 में UPI प्लेटफॉर्म पर काफी लोड देखा गया। इसका सबसे बड़ा कारण था लोग बार-बार बैलेंस चेक करते रहे या फिर एक ही ट्रांजैक्शन का स्टेटस बार-बार रिफ्रेश करते रहे। इससे सर्वर पर दबाव बढ़ा और कई बार लेन-देन में देरी या फेल होने की स्थिति आ गई। इसी वजह से अब नए नियम लाए जा रहे हैं ताकि सिस्टम बेहतर और फास्ट बना रहे।
कौन-कौन से बदलाव होंगे?
एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। आप अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक अकाउंट की डिटेल्स दिन में 25 बार से ज्यादा नहीं देख पाएंगे। कोई एक ट्रांजैक्शन का स्टेटस सिर्फ 3 बार चेक किया जा सकेगा, वो भी हर बार कम से कम 90 सेकंड का अंतर होना जरूरी होगा। Netflix, EMI, बिजली बिल जैसे ऑटो डेबिट पेमेंट्स अब सिर्फ निर्धारित समय पर ही प्रोसेस होंगे।
ऑटो पेमेंट्स पर भी असर पड़ेगा
जो व्यापारी या कंपनियां ऑटो पेमेंट के जरिए ग्राहकों से पेमेंट लेती हैं, उन्हें अब NPCI द्वारा तय किए गए टाइम स्लॉट्स के अनुसार भुगतान प्राप्त करना होगा। इससे पेमेंट सिस्टम और ज़्यादा व्यवस्थित हो सकेगा। हालांकि आम यूजर्स को इससे कोई खास दिक्कत नहीं होगी।
UPI बना डिजिटल इंडिया की रीढ़
आज UPI सिर्फ एक ऐप नहीं बल्कि हर गली, मोहल्ले और चाय की दुकान तक पहुंच चुका है। "भैया QR स्कैन कर दूं?" जैसे वाक्य अब आम सुनाई देते हैं। NPCI का यह कदम UPI नेटवर्क को और ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए उठाया गया है।
बदलाव जरूरी हैं सुविधा बनाए रखने के लिए
जैसे-जैसे डिजिटल पेमेंट की सुविधा बढ़ रही है, वैसे-वैसे सिस्टम को स्मार्ट और टिकाऊ बनाने के लिए ऐसे बदलाव जरूरी हो जाते हैं। इन छोटे लेकिन असरदार नियमों के जरिए हर यूजर को बिना किसी रुकावट के पेमेंट करने में आसानी मिलेगी।