पंजाबराज्य

स्वर्ण मंदिर को फिर मिली धमकी, SGPC ने जताई साजिश की आशंका

अमृतसर 

सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल स्वर्ण मंदिर को लगातार तीसरे दिन उड़ाने की धमकी मिली है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ईमेल पर यह धमकी आई है। इसमें कहा गया है कि पाइपों में आरडीएक्स भरकर गोल्डन टेंपल में धमाके किए जाएंगे। तीसरी बार धमकी मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। गोल्डन टेंपल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और डॉग स्क्वायड तैनात कर दिया गया है। बीएसएफ और पुलिस कमांडो तैनात किए गए हैं। इससे पहले सोमवार और मंगलवार को भी मेल भेजकर गोल्डन टेंपल को उड़ाने की धमकी दी गई थी। पहले ही दिन पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। फिलहाल यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि ये धमकियां कौन भेज रहा है।

गोल्डन टेंपल के आस-पास सुरक्षा पहले से भी ज्यादा कड़ी कर दी गई है। गोल्डन टेंपल के आने-जाने वाले हर एक रास्ते को सील कर दिया है और हर श्रद्धालु पर नजर रखी जा रही है और अच्छे से चेकिंग भी की जा रही है। एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों की तरफ से धमकी दी गई है। वे सिर्फ गोल्डन टेंपल की बात नहीं करते, वे सभी धर्मों के धार्मिक स्थानों को उड़ाने की बात भी कर रहे हैं। उनका कोई धर्म नहीं होता। ये लोगों में डर की भावना पैदा करने के लिए ऐसा करते हैं। सरकारों और पुलिस को ऐसे लोगों को पकड़ कर उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए। ये धर्म से तोड़ने की और एकता को खंडित करने की साजिश है।
एसजीपीसी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा

शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने इस पर कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इसकी तुरंत जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए लिखा है। इस मामले पर एसजीपीसी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और कहा कि 14 जुलाई से लगातार एसजीपीसी को धमकी भरी ईमेल आ रही हैं। मामले में पुलिस को शामिल किया गया, जिससे पता चल सके कि उक्त घटना के पीछे कौन है। 15 जुलाई को दूसरी ईमेल केरल के सीएम और पूर्व चीफ जस्टिस की फेक आईडी से भेजी गई थी। आज सुबह आसिफ कपूर नाम के ईमेल एड्रेस से ईमेल आई। ये ईमेल सीएम भगवंत मान को भी भेजी गई।

'लंबे समय से किया जा रहा टारगेट, कुछ लोगों को अच्छे नहीं रहे गुरुओं के उपदेश'
लंबे समय से हमारे आस्था के केंद्र गोल्डन टेंपल को टारगेट किया जा रहा। 1984 में श्री दरबार साहिब का बहुत नुकसान हुआ था। गुरुओं द्वारा दिए गए उपदेश कुछ लोगों को अच्छे नहीं लग रहे। धामी ने कहा कि अगर सांसदों और मुख्यमंत्रियों को ऐसे ईमेल भेजे गए तो सरकार ने इस पर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। सिख संगत का यह केंद्रीय संस्थान है और ऐसी आस्था के केंद्र की सुरक्षा कैसे दांव पर लगाई जा सकती है। कहीं दरबार साहिब में संगत के आवागमन को कम करने की कोई कोशिश तो नहीं हो रही है, इसकी जांच होनी चाहिए।

 

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