
पटना
बाबा साहेब भीमराव आंडबेकर का फोटो लेकर जन्मदिन की शुभकामना देने आए कार्यकर्ता को नजरअंदाज करने के बाद आंबेडकर के अपमान के आरोपों से घिरे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बचाव में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक गोपाल मंडल उतर आए हैं। कभी अपने बयान तो कभी अटपटे काम से चर्चा में रहने वाले गोपालपुर के विधायक गोपाल मंडल ने कहा है कि लालू यादव कभी आंबेडकर का अपमान कर ही नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव की सरकार में पिछड़ों को बोलने की ताकत मिली थी। मंडल ने लालू की उम्र का हवाला देकर यादाश्त कमजोर होने की बात भी कही है।
गोपाल मंडल ने कहा- “लालू यादव भीमराव आंबेडकर का अपमान कर ही नहीं सकते हैं। जब उनकी सरकार बनी, उन्होंने बैकवर्ड के मुंह में बोल दिया, बैकवर्ड को जगाया, भूरा बाल समाप्त करने का प्रयास किया। ऐसा नहीं कर सकते हैं। थोड़ा यादाश्त कमजोर होने के बाद, गिफ्ट दिया, दिमाग में नहीं रहा, पैर पर पैर चढ़ा रह गया। हमलोग भी पैरा चढ़ा कर रखते हैं नहीं तो पैर फूल जाएगा। बूढ़ा आदमी हैं, बैठे रहते हैं कुर्सी पर।”
याद दिला दें कि 11 जून को लालू यादव का जन्मदिन था। वो अब 77 साल के हो गए हैं। उस दिन राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर बर्थडे विश करने आए कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात के एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें लालू यादव सामने एक दूसरी कुर्सी पर पैर चढ़ाकर बैठे हैं। कमरे के गेट पर सुरक्षा टीम है जो बारी-बारी से एक आदमी को जाने दे रही है। लालू और मिलने वालों के बीच दूरी बनी रहे, ऐसी व्यवस्था है। जो बुके या कुछ लेकर आ रहे हैं, वो उनके पांव छूकर प्रणाम करने के बाद सामान देने की कोशिश करते हैं लेकिन स्टाफ ही उसे ले लेते हैं।
इसी दौरान एक कार्यकर्ता भीमराव आंबेडकर का फोटो फ्रेम लेकर आता है और वो भी लालू का पांव छूने के बाद देने की कोशिश तो करता है लेकिन स्टाफ ले लेते हैं। वीडियो में लालू का चेहरा और फोटो फ्रेम में आंबेडकर दोनों का चेहरा कैमरे की तरफ है। इससे लगता है कि लालू इस बात का अंदाजा नहीं लगा सके कि फोटो फ्रेम में उनका फोटो है या आंबेडकर का। भाजपा के नेताओं ने इस मसले को काफी जोर-शोर से उठा रखा है और आंबेडकर के अपमान के लिए लालू यादव से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी ने लालू को बिहार अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर नोटिस भेजकर केस की चेतावनी दी है।
लालू यादव का दिसंबर 2022 में सिंगापुर के एक अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनकी बेटी रोहिणी आचार्या ने ही उन्हें एक किडनी दी है। अस्पताल से निकलने के बाद लालू यादव को कई चीजें मना की गई हैं। खान-पान की हिदायतों के अलावा संक्रमण के खतरों से बचने के लिए लालू को भीड़ में जाने या लोगों से कम से कम मिलने-जुलने कहा गया है। हालांकि लालू कई बार खाने-पीने घर से बाहर भी निकल जाते हैं। कार्यकर्ताओं से मिलने का लोभ भी वो कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।