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मध्य प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल चुने जा सकते हैं, जानिए इनके बारे में

भोपाल 

भारतीय जनता पार्टी ने नए प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President in Madhya Pradesh) के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व की स्वीकृति के बाद प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर ने सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना जारी कर राज्य निर्वाचन मंडल की सूची का प्रकाशन भी कर दिया है।

मध्यप्रदेश भाजपा को मंगलवार को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। करीब 10 महीने से चल रही चर्चा और अंदरूनी मंथन के बाद यह फैसला अंतिम चरण में पहुंच गया है। भाजपा के केंद्रीय चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार शाम 4 बजे भोपाल पहुंचेंगे और 4:30 बजे नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। दो जुलाई को नए अध्यक्ष के नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल का नाम अब सबसे प्रमुख दावेदार के रूप में उभरा है। उन्हें संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पार्टी के प्रमुख चेहरों का समर्थन मिल रहा है। हेमंत खंडेलवाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि भी मजबूत मानी जा रही है। उनके पिता विजय खंडेलवाल भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं, जिससे संगठन में उनका जुड़ाव और भरोसा काफी पुराना है। खंडेलवाल का संघ से जुड़ाव और उनका साफ-सुथरा राजनीतिक रिकॉर्ड उन्हें अन्य दावेदारों से आगे बढ़ा रहा है। हेमंत खंडेलवाल का नाम लगभग तय माना जा रहा हैं। खंडेलवाल वर्तमान में प्रदेश भाजपा के कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।

हेमंत खंडेलवाल ने 2007 में पहली बार बैतूल लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी। यह सीट उनके पिता विजय खंडेलवाल के निधन के बाद खाली हुई थी। 2009 में बैतूल लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हो गई, लेकिन खंडेलवाल की भूमिका इसके बाद भी प्रभावशाली बनी रही। उन्होंने 2013 में विधायक के रूप में जीत दर्ज की, हालांकि 2018 में चुनाव हारे। 2023 में वह फिर से विधायक चुने गए।

हेमंत खंडेलवाल बन सकते हैं भाजपा अध्यक्ष

    पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल (Hemant Khandelwal) प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। वहीं, मंगलवार एवं बुधवार को प्रदेश कार्यालय में भाजपा की वृहद कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।

मंगलवार को शाम 4.30 से 6.30 बजे तक नामांकन पत्र जमा कराए जाएंगे। 6.30 से 7.30 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 7.30 से आठ बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे और रात आठ बजे नामांकन पत्रों की अंतिम सूची की घोषणा की जाएगी।

हालांकि उससे पहले धर्मेंद्र प्रधान पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करके किसी नाम पर सर्वसम्मति बनाएंगे। इसके बाद नया प्रदेश अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर ही बुधवार को प्रात: 11 बजे से दो बजे के बीच मतदान कराया जाएगा और मतों की गिनती के बाद परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।

बता दें कि इस चुनाव प्रक्रिया में प्रदेश अध्यक्ष के साथ राष्ट्रीय परिषद के 44 सदस्यों को भी चुना जाएगा। मतदान में प्रदेश परिषद के सदस्यों को मिलाकर कुल 379 मतदाता हिस्सा ले सकेंगे। प्रदेश परिषद के सदस्यों में चार सांसद एवं 17 विधायक भी शामिल हैं।

सांसदों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र खटीक हैं। वहीं विधायकों में मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, विजय शाह, तुलसी सिलावट, एदल सिंह कंषाना, अजय विश्नोई, संपतिया उइके, ओमप्रकाश सखलेचा, संजय पाठक, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, नारायण सिंह कुशवाह और मालिनी गौड़ शामिल हैं।

अधिकतर सर्वसम्मति से ही चुना गया है प्रदेश अध्यक्ष

मध्य प्रदेश में अधिकतर बार सर्वसम्मति से ही भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। अपवाद के रूप में केवल दो बार संगठन चुनाव में मतदान की स्थिति बनी है। पहली बार 1990 के दशक में पार्टी द्वारा प्रदेश अध्यक्ष के लिए तय प्रत्याशी लखीराम अग्रवाल के विरुद्ध पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी संगठन चुनाव में खड़े हुए थे।

दूसरी बार वर्ष 2000 में शिवराज सिंह चौहान और विक्रम वर्मा के बीच प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था। इसमें विक्रम वर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को हरा दिया था। हालांकि माना जा रहा है प्रदेश अध्यक्ष के लिए मतदान की स्थिति नहीं बनेगी।

 हेमंत खंडेलवाल का प्रोफाइल

हेमंत खंडेलवाल संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। उनकी संघ के अलावा पार्टी संगठन में भी मजबूत पकड़ है। वह बैतूल के पूर्व सांसद एवं दो बार के विधायक हैं। उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल बैतूल लोकसभा से तीन बार सांसद रह चुके हैं, तब से ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा से जुड़े हुए हैं।

पिता के निधन के बाद हेमंत ने बैतूल लोकसभा से उपचुनाव लड़ा और निर्वाचित होकर सांसद बने। इसके बाद वह बैतूल विधानसभा से दूसरी बार के विधायक हैं। माना जा रहा है मध्य प्रदेश में वर्तमान में पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है, ऐसे में सामान्य वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

संघ और संगठन में मजबूत पकड़
खंडेलवाल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी का करीबी माना जाता है। दिल्ली में हुए अंतिम दौर की चर्चा में सुरेश सोनी और डॉ. यादव दोनों ने ही हेमंत खंडेलवाल के नाम की जोरदार पैरवी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके नाम पर सहमति जताई है। संघ और संगठन दोनों को भरोसा है कि हेमंत खंडेलवाल के नेतृत्व में सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बना रहेगा।

अन्य नाम भी चर्चा में
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके, लता वानखेड़े, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, अर्चना चिटनिस और गजेंद्र पटेल के नामों पर भी चर्चा में है। सूत्रों का कहना है कि अब औपचारिक एलान ही बाकी हैं। 
  

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