बांग्लादेश में हिंदू व्यापारी की पीट-पीटकर हत्या, हमलावरों ने शव पर किया नाच

ढाका
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार बनने के बाद से ही हिंदुओं को प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। राजधानी ढाका में हिंदू व्यापारी की हत्या कर दी गई, जिससे एक बार फिर से पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। लाल चंद सोहाग कबाड़ व्यापारी थे और उनकी पीट-पीटकर हत्या किए जाने के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया। सैकड़ों छात्र शनिवार को सड़कों पर उतर आए और अंतरिम सरकार पर भीड़ हिंसा को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। पुलिस ने कबाड़ व्यापारी लाल चंद सोहाग की पीट-पीटकर हत्या के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो के पास अवैध रूप से हथियार थे।
ढाका के कई विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों ने बुधवार को हुई इस घटना के विरोध में रैलियां निकालीं। जबरन वसूली करने वालों ने पुराने ढाका इलाके में मिटफोर्ड अस्पताल के सामने कबाड़ व्यापारी सोहाग की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। बीते दिनों वायरल हुए इस घटना के एक वीडियो में सोहाग को कंक्रीट के स्लैब के टुकड़ों से पीट-पीटकर मार डाला गया और फिर उसकी मौत की पुष्टि होने के बाद, हमलावर उसके शव पर नाचते हुए दिखाई दिए।
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, "तुम दरिंदों को लोगों को मारने का अधिकार किसने दिया? जब जबरन वसूली करने वाले उत्पात मचा रहे हैं, तो अंतरिम (सरकार) क्या कर रही है?" ये नारे छात्रों ने अपने परिसरों में लगाए। बीआरएसी विश्वविद्यालय, एनएसयू, ईस्ट वेस्ट विश्वविद्यालय और सरकारी ईडन कॉलेज जैसे निजी विश्वविद्यालयों के छात्रों ने शनिवार को प्रदर्शन किया, जबकि लाल की नृशंस हत्या का वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद प्रमुख ढाका विश्वविद्यालय और जगन्नाथ विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
प्रथम अलो अखबार के अनुसार, लाल चंद की बहन मंजुआरा बेगम (42) ने गुरुवार को राजधानी के कोतवाली पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज कराया। इस मामले में 19 आरोपियों के नाम हैं और 15-20 अज्ञात संदिग्ध भी शामिल हैं। बीडीन्यूज24 ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने कथित तौर पर सोहाग की हत्या कर दी, जो उसी संगठन का एक पूर्व कार्यकर्ता था। पार्टी ने कहा कि उसने लिंचिंग के आरोपी चार अपराधियों को तुरंत पार्टी से निष्कासित कर दिया।