उत्तर प्रदेशराज्य

14 जिलों में निवेश जांच: मौके पर ही 40% से अधिक अड़चनें की गईं दूर: CM योगी

लखनऊ 

वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की टीम मैदान में उतार दी गई है। इन्वेस्ट यूपी के सीईओ विजय किरण आनंद के निर्देश पर टीमों ने 14 जिलों का औचक निरीक्षण कर एमओयू में आने वाली दिक्कतों को समझा। इसके लिए जिलों में प्रस्तावित निवेश परियोजनाओं को 24 मानकों की कसौटी पर कसा गया। इस कवायद की खास बात ये रही कि 40 फीसदी से ज्यादा दिक्कतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया।

नवंबर में भूमि पूजन समारोह का पांचवां संस्करण प्रस्तावित है। इसके लिए दस लाख करोड़ रुपये की तैयार परियोजनाओं का लक्ष्य रखा गया है। जनवरी-फरवरी में वैश्विक निवेशक सम्मेलन होना है। दोनों बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी के रूप में इन्वेस्ट यूपी की है। इसे देखते हुए इन्वेस्ट यूपी तैयारी चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है। इसी कड़ी में अधिकारियों की टीम बनाकर 14 जिलों का औचक निरीक्षण कराया गया।

इन 24 बिंदुओं पर परखा जिलों का प्रदर्शन
उद्यमी मित्रों और जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों ने एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए किस तरह से विश्लेषण किया। निवेशकों के साथ कितनी बैठकें कीं। निवेशकों के मुद्दों पर क्या किया। ऑफिस का वातावरण कैसा है। निवेशक ऑफिस में खुद को कितना सहज महसूस करता है। बैठने की व्यवस्थाएं क्या हैं। इन्वेस्ट यूपी की तैयारियों को कैसे पेश कर रहे हैं। कुल कितने लोगों ने निवेश को लेकर रुचि जाहिर की है। कितने एमओयू हुए हैं। कितने एमओयू भूमि पूजन समारोह-4.0 और कितने निवेश समारोह-5.0 के लिए हुए। कितने निवेशक पीछे लौट गए। कितनी इकाइयों का निर्माण और कितने में उत्पादन शुरू हो गया। औद्योगिक भूखंडों की स्थिति। ग्राम सभा की जमीनों की उपलब्धता, बीमार इकाइयों की संख्या और निवेश मित्र से जुड़े मुद्दे आदि।

उद्योग बंधु की बैठकों का मांगा तीन महीने का रिकॉर्ड
सीईओ विजय किरण आनंद ने उद्योग बंधु की बैठक में उठने वाले मुद्दों को प्राथमिकता से दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत सभी 75 जिलों से पिछले तीन महीने का उद्योग बंधु की बैठकों का रिकॉर्ड मांगा गया है। इसमें निवेशकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर की गई कार्यवाही का ब्योरा भी तलब किया गया है। उन्होंने उद्यमी एसोसिएशन के फीडबैक को गंभीरता से लेेने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नए निवेश प्रस्तावों को ब्योरा अलग से तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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