
पटना
बिहार में 15 अक्टूबर तक सभी घाटों पर बालू खनन पूरी तरह से बंद रहेगा। पर्यावरण संरक्षण और प्रभावी खनन प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। 15 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक की अवधि में बालू की बिक्री केवल सेकेंड्री लोडिंग प्वाइंट्स और लाइसेंसधारक से होगी, ताकि आम जनता और कार्य विभागों को बालू की आपूर्ति में किसी तरह की कमी न हो।
ड्रोन वीडियोग्राफी कराने का निर्देश
विभाग ने सभी संचालित और असंचालित घाटों तथा सेकेंड्री लोडिंग पॉइंट्स की ड्रोन वीडियोग्राफी कराने का निर्देश सभी जिलों को दिया है। यह कदम नदियों में बालू के पुनर्भरण का सटीक आकलन करने में सहायक होगा, जिससे आगामी वर्षों में घाटों की नीलामी और बंदोबस्ती को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
इसके अतिरिक्त विभाग ने भारत सरकार की एजेंसी सीएमपीडीआई से बालू पुनर्भरण अध्ययन कराने के लिए मंत्रिपरिषद से प्रस्ताव स्वीकृत कराया है। यह अध्ययन वैज्ञानिक और निष्पक्ष तरीके से बालू के पुनर्भरण का आकलन करेगा, जिससे खनन प्रक्रिया को और सुदृढ़ किया जा सकेगा। मानसून के दौरान बालू की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने व्यापक उपाय किए हैं। अगर किसी आम नागरिक को बालू की कमी का सामना करना पड़ेगा तो वे अपने जिले के जिला खनन पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। जिला खनन पदाधिकारियों के नंबर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
साथ ही कार्य विभागों को बालू की कमी से बचाने के लिए खनन विभाग कार्य विभागों को भी घाटों का बंदोबस्त करने को तत्पर है। इस संबंध में सभी कार्य विभागों को पत्र के माध्यम से भी सूचित किया जा चुका है। अवैध खनन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए विभाग ने छापेमारी में जब्त बालू को उचित सरकारी दर पर कार्य विभागों को उपलब्ध कराने का निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिया है। यह कदम वैध खनन को प्रोत्साहित करने और विकास कार्यों की गति को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। विभाग का लक्ष्य है कि राज्य में विकास कार्य बिना किसी रुकावट के जारी रहे और पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी जाए।
19 जून को पटना में होगी बैठक
विभाग के इस दृष्टिकोण को साकार करने के लिए 19 जून 2025 को पटना में सभी जिला खनन पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में वैध खनन को सुगम बनाने एवं आम जनता को किसी भी असुविधा से बचाने पर विचार किया जाएगा।
विभाग का संकल्प
वहीं, खान एवं भूतत्व विभाग का दृढ़संकल्प है कि बिहार में विकास की गति निर्बाध रूप से चलती रहे और पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाए रखते हुए प्राकृतिक संसाधनों का उचित उपयोग हो।