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भारत में ऑनलाइन भी नहीं बिकेगा पाकिस्तानी सामान, अमेजन-फ्लिपकार्ट को नोटिस

नई दिल्‍ली
 उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने अमेजन इंडिया और फ्लिकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को पाकिस्तानी झंडे वाले उत्पाद हटाने का आदेश दिया है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीसीपीए ने यूबाय इंडिया, एट्सी, द फ्लैग कंपनी और द फ्लैग कॉरपोरेशन को भी नोटिस भेजा है। इन कंपनियों को पाकिस्तानी झंडे और संबंधित सामान बेचने से मना किया गया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, 'ऐसी असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ई-कॉमर्स मंचों को निर्देश दिया जाता है कि वे ऐसी सभी सामग्री को तुरंत हटा दें और राष्ट्रीय कानूनों का पालन करें।' इसका मतलब है कि सरकार इस तरह के उत्पादों को बेचने की अनुमति नहीं देगी। सरकार चाहती है कि ई-कॉमर्स कंपनियां तुरंत इन उत्पादों को हटा दें और देश के कानूनों का पालन करें।

यह आदेश ई-कॉमर्स कंपन‍ियों के ल‍िए चेतावनी

हालांकि, मंत्री के पोस्ट में यह साफ नहीं किया गया कि कौन सा कानून तोड़ा जा रहा है। यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तानी झंडे वाले सामान को बेचने से किस कानून का उल्लंघन हो रहा है।

यह घटनाक्रम कश्मीर के पहलगाम में हुई एक दुखद घटना के बाद हुआ है। पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 लोगों को मार डाला था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था।

सीसीपीए का यह आदेश ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए चेतावनी है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर कोई भी ऐसा उत्पाद न बेचा जाए जो देश की भावनाओं को ठेस पहुंचाए या कानून का उल्लंघन करे। सरकार ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी।

ई-कॉमर्स कंपन‍ियों को रहना होगा सावधान

यह मामला दिखाता है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों के बारे में कितना सावधान रहना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वे किसी भी तरह से देश के कानूनों और भावनाओं का उल्लंघन न करें।

यह आदेश देश की राष्ट्रीय भावना के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान को दर्शाता है। पाकिस्तानी झंडे जैसे प्रतीकों की बिक्री को भारत में कई लोग आपत्तिजनक और राष्ट्रविरोधी मान सकते हैं, खासकर मौजूदा भू-राजनीतिक संदर्भ में और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद। ऐसे उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चिंताजनक हो सकती है। हालांकि, यह प्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा को खतरा नहीं पहुंचाता, लेकिन यह शत्रुतापूर्ण भावनाओं को बढ़ावा दे सकता है।

यह आदेश ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर भी यह जिम्मेदारी डालता है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे उत्पादों की प्रकृति के प्रति अधिक सतर्क रहें और यह सुनिश्चित करें कि वे स्थानीय कानूनों और भावनाओं का उल्लंघन न करें।

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