राजनीतिक

राहुल गांधी ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर चुनावी धांधली का लगाया आरोप

नई दिल्ली
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने इसे 'लोकतंत्र में चोरी का ब्लूप्रिंट' करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा है। शनिवार को अपने एक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट में राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र चुनाव में व्यवस्थित तरीके से हेराफेरी की गई, जिसका मॉडल अब बिहार जैसे अन्य राज्यों में लागू किया जा सकता है।

राहुल गांधी ने यह आरोप एक विस्तृत लेख के माध्यम से लगाया, जिसे उन्होंने ‘मैच फिक्सिंग महाराष्ट्र’ शीर्षक से मीडिया में प्रकाशित किया और फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी शेयर किया। राहुल गांधी ने अपने लेख में पांच चरणों में चुनावी धांधली की कथित प्रक्रिया का खुलासा किया। राहुल ने लिखा, "चुनाव कैसे चुराया जाए? 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली करने का खाका था।" उन्होंने कहा कि कथित छेड़छाड़ "चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए पैनल में धांधली" से शुरू होती है।

राहुल गांधी के आरोपों की 5 मुख्य बातें:
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव: राहुल गांधी ने लिखा कि केंद्र सरकार ने 2023 में जो नया कानून लाया, उसके तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाली समिति में निष्पक्षता को समाप्त कर दिया गया। पहले इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश होते थे, लेकिन अब मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को रखा गया है, जो केंद्र सरकार की ओर झुकाव को दर्शाता है। राहुल ने लिखा – “अपने आप से पूछिए, कोई क्यों निष्पक्ष निर्णायक को हटाकर अपने करीबी को उस जगह पर लाएगा?” उन्होंने यह भी कहा कि इससे चुनाव आयोग की स्वायत्तता और निष्पक्षता को ठेस पहुंचती है।
वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाता: मतदाता सूची में फर्जी वोटर जोड़े गए।
वोटर टर्नआउट में हेरफेर: मतदान प्रतिशत को असामान्य रूप से बढ़ाया गया।
भाजपा के पक्ष में बोगस वोट: उन क्षेत्रों में फर्जी मतदान कराया गया जहां भाजपा कमजोर थी।
पारदर्शिता पर रोक: मतदान की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज तक पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए नियमों में बदलाव किया गया।

महाराष्ट्र चुनावों में ‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप
राहुल ने अपने लेख में लिखा, "महाराष्ट्र का 2024 विधानसभा चुनाव कोई चुनाव नहीं था, बल्कि यह एक सुनियोजित मैच फिक्सिंग थी। यह लोकतंत्र के लिए जहर है और इसका अगला पड़ाव बिहार हो सकता है।" राहुल गांधी ने दावा किया कि बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनावों में परिणामों को अपने पक्ष में करने के लिए एक सुनियोजित रणनीति अपनाई। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि गड़बड़ी किस प्रकार से हुई, लेकिन चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को इसकी जड़ बताया। राहुल गांधी ने विशेष रूप से मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 58.22% था, लेकिन अगली सुबह अंतिम आंकड़ा 66.05% बताया गया। यह 7.83 प्रतिशत अंकों की वृद्धि, यानी 76 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के बराबर है, जो कि पहले के विधानसभा चुनावों की तुलना में असामान्य है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के बीच पांच साल में 32 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जबकि 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच केवल पांच महीनों में 39 लाख नए मतदाता जोड़े गए। राहुल ने इसे 'सांख्यिकीय रूप से असंभव' बताया और कहा कि यह मतदाता सूची में हेरफेर का सबूत है।

कामठी सीट का उदाहरण
राहुल गांधी ने अपने दावों को मजबूत करने के लिए कामठी विधानसभा सीट का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने कामठी में 1.36 लाख वोट हासिल किए, जबकि भाजपा को 1.19 लाख वोट मिले। लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट लगभग समान (1.34 लाख) रहे, जबकि भाजपा के वोट में असामान्य वृद्धि देखी गई।

चुनाव आयोग पर सवाल
राहुल ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि जब विपक्ष ने मतदान की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो न केवल इसे खारिज कर दिया गया, बल्कि केंद्र सरकार ने, चुनाव आयोग से परामर्श के बाद, 1961 के चुनाव नियमों में संशोधन कर फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया। उन्होंने कहा, "यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग से समझौता किया गया है। यह केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, बल्कि जहां भी भाजपा हार रही है, वहां इस तरह की रणनीति अपनाई जा सकती है।"

 

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