
जयपुर
राजस्थान में भारी बारिश के कारण भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, झालावाड़, कोटा, पाली और सिरोही सहित कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नदियों के उफान पर होने के कारण चंबल, कालीसिंध और बनास नदी पर बने बांधों के गेट खोल दिए गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सिरोही में 35 बच्चों से भरी एक निजी स्कूल बस केरल नदी की पुलिया पर फंस गई. वहीं, चित्तौड़गढ़ में बेड़च नदी का पुल पार करते समय दो बाइक सवार बह गए.
भीलवाड़ा में सड़कों पर चल रहा नाव
भीलवाड़ा के बिजोलिया इलाके में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जहां पानी से भरी सड़कों पर नाव चलती देखी गई. भीलवाड़ा में एक नदी के पुल पर 5 फीट तक पानी भर गया. झालावाड़ में भारी बारिश के कारण करीब आधा दर्जन गांवों में हालात बिगड़ गए हैं. जयपुर में शाम को हुई मूसलाधार बारिश के कारण सड़कें पानी से भर गईं, जिससे सड़कों पर जाम लग गया और निचले इलाकों में परेशानी हुई. भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए प्रशासन ने 29 जुलाई को भी 11 जिलों में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है. झालावाड़ जैसे कुछ जिलों ने छुट्टियां बढ़ा दी हैं. इन में झालावाड़, कोटा, चित्तौड़गढ़, टोंक, भीलवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, धौलपुर, सलूंबर, बांसवाड़ा और अजमेर शामिल हैं.
इन जगहों पर सबसे ज्यादा बारिश दर्ज
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटों में कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, टोंक, सिरोही, राजसमंद, पाली, बूंदी, बारां, बांसवाड़ा और अजमेर जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई. पूर्वी राजस्थान में सबसे अधिक बारिश कोटा के रामगंज मंडी में 242 मिमी और भीलवाड़ा के जैतुरा में 235 मिमी दर्ज की गई.
पश्चिमी राजस्थान में पाली जिले के बाली में सबसे अधिक 88 मिमी, झालावाड़ के बकानी में 61 मिमी, बारां के अटरू में 43 मिमी, छबड़ा में 26 मिमी, भीलवाड़ा के बिजोलिया में 64 मिमी, बूंदी के नैनवां में 28 मिमी और अलवर के बहरोड़ में 31 मिमी बारिश दर्ज की गई.
इन शहरों में रेड अलर्ट जारी
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि मानसून की द्रोणिका रेखा अब उत्तर दिशा से अपनी सामान्य स्थिति में आ गई है, जो वर्तमान में बीकानेर और कोटा से होकर गुजर रही है. इन मौसमी गतिविधियों के चलते सोमवार को भारी बारिश और 29 और 30 जुलाई को कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है.
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने मंगलवार के लिए 3 जिलों में रेड, 5 में ऑरेंज और 19 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश से राहत 1 अगस्त के बाद ही मिलने की उम्मीद है. कोटा में, राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी सोमवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र रामगंजमंडी में वर्षा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया.
मंत्री ने क्षेत्र का लिया जायजा
मंत्री मदन दिलावर ट्रैक्टर पर सवार होकर कुंभकोट बस्ती पहुंचे, जहां बस्तियां बारिश के पानी में डूबी हुई थीं. उन्होंने हरिपुरा, जुल्मी, देवलीखुर्द और सांडपुर गांवों का दौरा किया और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया.रामगंजमंडी क्षेत्र में दो नागरिक सुरक्षा दल और एक एसडीआरएफ दल तैनात किया गया है. सुल्तानपुर और पीपल्दा में भी एसडीएसएफ की एक टीम तैनात है. रामगंजमंडी क्षेत्र के कुदैला गाँव से लगभग 150 परिवारों को बचाया गया. कुदैला गांव के लगभग 150 परिवारों और देवलीखुर्द के 100 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
सामान्य से लगभग 88 प्रतिशत अधिक हुई बारिश
हाड़ौती क्षेत्र में रविवार सुबह से हो रही लगातार बारिश के बीच, ईआरसीपी परियोजना के अंतर्गत नवनिर्मित नोवनेरा बांध के 27 में से कम से कम 13 गेट पिछले साल हुए परीक्षण के बाद सोमवार को पहली बार खोले गए. नवनेरा बांध के कनिष्ठ अभियंता ने बताया कि सोमवार सुबह से नोवनेरा बांध के 13 गेटों से कम से कम 8400 एमसीएम पानी छोड़ा गया है.
बांध के पानी से 16 जिलों और 1000 बीघा से अधिक भूमि की सिंचाई की आवश्यकता पूरी होगी. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में इस मानसून में अब तक सामान्य से लगभग 88 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य भर में 226 बांध या तो भर गए हैं या ओवरफ्लो हो गए हैं.
राज्य में 369.79 मिमी वर्षा दर्ज
राज्य के अधिकारियों ने बताया कि 1 जून से 28 जुलाई के बीच राज्य में 369.79 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि इस अवधि में औसत वर्षा 196.79 मिमी होती है – यानी 87.91 प्रतिशत की वृद्धि. बयान में कहा गया है कि राजस्थान में अब तक मौसमी औसत 424.71 मिमी का 87.07 प्रतिशत वर्षा हो चुकी है.
राज्य के जल संसाधन विभाग ने बताया कि राजस्थान के 693 बांधों में कुल जल संग्रहण उनकी सामूहिक क्षमता 13,026 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) के 75.33 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसमें से 23 बड़े बांध 84.14 प्रतिशत क्षमता पर हैं, जबकि 670 मध्यम और छोटे बांध 60.39 प्रतिशत क्षमता पर हैं.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक बयान में वर्षा का स्वागत करते हुए इसे कृषि और भूजल पुनर्भरण के लिए एक "सकारात्मक संकेत" बताया. उन्होंने कहा कि "कर्मभूमि से मातृभूमि" अभियान और "वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान" सहित राज्य द्वारा संचालित जल संरक्षण पहल, अतिरिक्त वर्षा जल को रिचार्ज शाफ्ट और संरक्षण संरचनाओं में प्रवाहित करके भूजल पुनःपूर्ति में योगदान दे रही हैं. शर्मा ने कहा कि, प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से, राज्य का लक्ष्य अगले चार वर्षों में 45,000 नई जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण करना है.
बीसलपुर बांध के छह गेट खोले गए
अधिकारियों ने पुष्टि की कि टोंक में बीसलपुर बांध के छह गेट सोमवार को खोले गए, जो हाल के वर्षों में जुलाई में पहली ऐसी ओवरफ्लो घटना है. गुढ़ा, गलवा, मोरेल, तोराडी सागर, छापरवाड़ा और सरदार समंद सहित कई अन्य बांध 100 प्रतिशत क्षमता तक पहुंच गए हैं, जबकि राणा प्रताप सागर (98.54 प्रतिशत), कोटा बैराज (97.25 प्रतिशत) और माही बजाज सागर (82.21 प्रतिशत) जैसे अन्य बांध लगभग भर चुके हैं.