पंजाबराज्य

उत्तरी परिषद बैठक में मुखर हुए भगवंत मान, कहा— चंडीगढ़ और पीयू पर पंजाब का हक

फरीदाबाद 
भगवंत मान सिंह ने फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 32वीं बैठक में राज्य से जुड़े अहम मुद्दों को उठाते हुए केंद्र सरकार की पहल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि ऐसी बैठकों में राज्यों के बीच वर्तालाप होता है पर साथ ही संघीय व्यवस्था भी मजबूत होती है. भगवंत मान सिंह ने चंडीगढ़, पंजाब विश्वविद्यालय और नदी जल पर पंजाब के अधिकारों को दोबारा बताते हुए केंद्र से इन सभी मामलों पर सकारात्मक कदम उठाने की गुजारिश की.

पंजाब के मुख्य मंत्री भगवंत मान सिंह ने सोमवार को फरीदाबाद में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय बैठक में चंडीगढ़, पंजाब विश्वविद्यालय और नदी जल के मुद्दे पर पंजाब के अधिकारों को दोहराया उन्होंने कहा कि संविधान में केंद्र और राज्यों के अधिकार स्पष्ट रूप से लिखत है और केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के मुद्दों पर लगातार चर्चा और उनके समाधान की कोशिश करना बहुत अच्छा है.

मान सिंह ने चंडीगढ़ को पंजाब को सौंप जाने के वादे दिलाते हुए कहा कि यह फैसला 1985 के राजीव-लोंगवाल समझौते में साफ लिखा गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की संवेदनशीलता और उनके खुलइ विचारो की सोच निश्चित रूप से सकरात्मक समाधान का रास्ता तैयार करेगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ प्रशासन में 60:40 भर्ती अनुपात, विभिन्न विभागों ने कैडर के पदों की भर्ती और पंजाब कैडर के अधिकारीयों की नियुक्ति जैसे मुद्दों को भी उठाया.

मान सिंह ने बीबीएमबी में राजस्थान के पुरे समय कार्य करने वाले सदस्यों की भर्ती का विरोध किया. उन्होंने भाखड़ा और पौंग बांध के जलस्तर को बढ़ाने के मुद्दे पर विरोध किया एसवाईएल नहर के मुद्दे पर भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के पास ज्यादा पानी नहीं है केंद्र को बाढ़ के पानी को यमुना के जरिए समुद्र में जाने से रोकने पर गंभीर कदम उठाने चाहिए. अंत में मुख्यमंत्री ने बैठक को आयोजित करने के लिए ग्रह मंत्री को धन्यबाद करते हुए कहा कि यह पहल राज्यों के बीच सहयोग को नई दिशा देती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button