
रांची
भारी बारिश के बीच झारखंड सरकार के माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के छायाटांड़, फिटकोरिया, बिराजपुर, नारायणपुर, ढेकीपाड़ा, मिहिजाम सहित कई स्थानों पर आयोजित मुहरर्म ताजिया जुलूसों में शामिल हुए और जनता के बीच जाकर एकता, भाईचारा और इंसानियत का संदेश दिया।
जगह-जगह तजिया मिलन समारोह में मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने मुस्लिम समाज के बुज़ुर्गों, युवाओं और बच्चों से हाथ मिलाकर, गले लगाकर आपसी सौहार्द और एकजुटता को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र की पहचान केवल विकास से नहीं, बल्कि भाईचारे की मिसाल से होनी चाहिए। मौके पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने कर्बला के मैदान में तमाम मुश्किलों, भूख-प्यास और अत्याचारों के बावजूद असत्य और ज़ुल्म के सामने घुटने नहीं टेके। उनके पास हथियार नहीं थे, संख्या बहुत कम थी, परंतु हिम्मत, उसूल और सच्चाई की ताकत ने उन्हें अमर बना दिया। उन्होंने यज़ीद जैसे अत्याचारी को खलीफा मानने से इनकार कर दिया, भले ही इसके बदले उन्हें अपने परिवार की कुर्बानी क्यों न देनी पड़ी। यही मुहरर्म का असली पैग़ाम है, सच्चाई के लिए लड़ना, अन्याय का विरोध करना और अपने आदर्शों को कभी न छोड़ना।
मंत्री ने कहा कि आज के समय में हम सभी को मुहर्रम से सीख लेकर जीवन में संघर्षों से न डरते हुए मजबूती के साथ आगे बढ़ना चाहिए, चाहे राह में कितनी भी रुकावट क्यों न हों। डॉ. अंसारी ने कहा कि वे राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हैं। मैंने खुद को इस जनता के लिए निछावर कर दिया है। चौबीसों घंटे, सातों दिन आपकी सेवा में हाजिर हूं। किसी को भी कभी मदद की ज़रूरत हो, तो याद रखें कि आपका भाई इरफान अंसारी हर समय आपके साथ खड़ा है। उन्होंने सभी समुदायों से आग्रह किया कि आपसी एकता, भाईचारा और धार्मिक सहिष्णुता के साथ मिलकर जामताड़ा और झारखंड को एक आदर्श राज्य बनाने में योगदान दें। मुहरर्म हमें यह सिखाता है कि जिंदगी की असली जीत उसूलों पर डटे रहने में है, न कि डरकर समझौता करने में है।