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अग्रेजों ने 5 विकेट से भारत को हराया, सीरीज में बनाई 1-0 की बढ़त, डकेट ने लगाया तूफानी शतक

  • अग्रेजों ने 5 विकेट से भारत को हराया, सीरीज में बनाई 1-0 की बढ़त, डकेट ने लगाया तूफानी शतक
  • 8 कैच टपकाये, फेल लोअर ऑर्डर… भारत ने लीड्स में गंवाया जीत का गोल्डन चांस, ये रहे हार के कारण 
  • कप्तान गिल का छलका दर्द, लीड्स टेस्ट में हार के लिए किसे ठहराया जिम्मेदार?

लीड्स
भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने टीम इंडिया को 5 विकेट से करारी शिकस्त दी. भारत के 371 रनों के लक्ष्य को इंग्लैंड ने बेन डकेट और क्राउली के बाद रूट की सराहनीय पारी के दम पर आसानी से चेज कर लिया. बुमराह, सिराज और जडेजा जैसे दिग्गजों से सजी भारतीय गेंदबाजी पूरे मुकाबले में विकेट के लिए तरसती रही. आखिरकार 5 मैचों की सीरीज में मेजबान टीम अब 1-0 से आगे है.

बता दें कि भारतीय टीम ने इंग्लैंड के सामने 371 रनों का टारगेट सेट किया था. मुकाबले में भारत की पहली पारी 471 और इंग्लैंड की पहली पारी 465 रनों पर सिमटी थी. यानी पहली पारी के आधार पर भारतीय टीम को 6 रनों की बढ़त मिली थी. फिर भारत ने अपनी दूसरी पारी में 364 रन बनाए. जिसके बाद इंग्लैंड के सामने 371 रनों का लक्ष्य था. जिसे इंग्लैंड ने चेज कर लिया. डकेट ने 149 रन बनाए और क्राउली के बल्ले से 65 रन आए. वहीं, रूट ने भी नाबाद फिफ्टी लगााई.

कप्तान शुभमन गिल का छलका दर्द, लीड्स टेस्ट में हार के लिए किसे ठहराया …… 

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड पर 20 से 24 जून तक खेला गया. इस मुकाबले में भारतीय टीम को 5 विकेट से पराजय का मुंह देखना पड़ा. जीत के चलते मेजबान इंग्लैंड अब पांच मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे हो चुका है. सीरीज का दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से एजबेस्टन में खेला जाएगा.

शुभमन ने हार के लिए किसे ठहराया जिम्मेदार?

लीड्स टेस्ट मैच में भारतीय टीम के पास जीत का मौका था, लेकिन खराब फील्डिंग, लोअर ऑर्डर के बल्लेबाजों की खराब बैटिंग और कमजोर गेंदबाजी ने टीम की लुटिया डुबो दी. हार के बाद भारतीय कप्तान शुभमन गिल का दर्द छलक पड़ा. शुभमन ने हार के लिए बल्लेबाजों को दोषी ठहराया. शुभमन ने कहा कि वो 430 रनों के करीब का स्कोर देना चाह रहे थे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया. शुभमन का मानना था कि दूसरी पारी में इंग्लैंड की ओपनिंग पार्टनरशिप ने मैच छीन लिया.

शुभमन गिल ने मैच के बाद कहा, 'यह एक बेहतरीन टेस्ट मैच था. हमारे पास भी मौके थे, लेकिन हमने कैच छोड़े और हमारे निचले क्रम के बल्लेबाजों ने ज्यादा योगदान नहीं दिया. फिर भी टीम पर गर्व है और कुल मिलाकर देखें तो हमने अच्छा प्रयास किया. कल तक हम सोच रहे थे कि 430 तक पहुंचेंगे और पारी घोषित कर देंगे. दुर्भाग्यवश हमारे आखिरी 6 विकेट 20-25 रन ही जोड़ पाए, जो कभी भी अच्छा संकेत नहीं होता. उनकी शानदार ओपनिंग पार्टनरशिप के बावजूद मुझे लगा था कि हमारे पास अब भी मौका है, लेकिन यह मैच हमारे पक्ष में नहीं गया.'

पहली पारी में भारतीय टीम के आखिरी 7 विकेट 41 रन पर गिर गए. जबकि दूसरी पारी में उसके आखिरी 6 विकेट 31 रन पर गिरे. इसे लेकर शुभमन गिल ने कहा, 'हमने इस बारे में चर्चा की थी, लेकिन जब आप मैदान पर होते हैं तो सब कुछ बहुत जल्दी होता है. मुझे लगता है यह उन चीजों में से एक है जिसे आने वाले मैचों में सुधारना होगा. निश्चित रूप से ऐसे विकेट्स पर मौके आसानी से नहीं मिलते. हमने कुछ कैच छोड़े, लेकिन हमारी टीम युवा है और अब भी सीख रही है. उम्मीद है कि आने वाले मैचों में हम इन पहलुओं पर सुधार करेंगे.

शुभमन गिल कहते हैं, 'पहले सेशन में जब हमने गेंदबाजी की तो हम काफी सटीक थे. हमने ज्यादा रन नहीं दिए, लेकिन जब गेंद पुरानी हो जाती है तब रन रोकना बहुत मुश्किल हो जाता है और गेम में बने रहने के लिए लगातार विकेट लेने होते हैं. कुछ गेंदें बल्ले के किनारे से लगकर फील्डर्स के पास नहीं गए, हमारे पक्ष में चीजें नहीं हुईं. उन्होंने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की, खासकर जब गेंद पुरानी हो गई तो उन्होंने चांस लिए. उनकी ओपनिंग पार्टनरशिप ने हमसे मैच छीन लिया.'

जडेजा की तारीफ, बुमराह पर भी दिया बयान

शुभमन गिल ने आगे कहा, 'उन्होंने (रवींद्र जडेजा) शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने हमारे लिए कुछ मौके भी बनाए, जैसे कि कुछ कैच (पॉप-अप) जो ऋषभ पंत नहीं ले पाए. क्रिकेट मैच में ऐसा होता है, आप उम्मीद करते हैं कि कुछ मौके आपके पक्ष में नहीं जाएंगे.'

जसप्रीत बुमराह की उपलब्धता पर शुभमन गिल ने कहा, 'यह मैच दर मैच देखा तय होगा. इस टेस्ट मैच के बाद एक अच्छा ब्रेक मिला है, तो जब अगला मैच नजदीक आएगा, तब हम देखेंगे.

8 ड्रॉप कैच, फुस्स लोअर ऑर्डर… टीम इंडिया ने लीड्स में गंवाया जीत का गोल्डन चांस

लीड्स टेस्ट मैच में शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम जीत सकती थी, लेकिन उसने कई मौके गंवाए जिसने इंग्लैंड की झोली में मुकाबले को कर दिया. इससे दुखद बात क्या हो सकती है कि 4 बल्लेबाजों के शतक जड़ने के बावजूद भारत इस मैच को हार गया. एक बल्लेबाज ने तो दोनों पारियों में शतक लगाया. यानी भारत की ओर से इस मैच में कुल 5 शतक लगे.

जमकर छूटे कैच: इस मैच में हार का सबसे बड़ा कारण भारतीय टीम की खराब फील्डिंग रही. भारतीय खिलाड़ियों ने पहली पारी में छह और दूसरी पारी में दो कैच छोड़े. यशस्वी जायसवाल ने सबसे ज्यादा 4 कैच टपकाए. वहीं रवींद्र जडेजा, ऋषभ पंत, साई सुदर्शन और जसप्रीत बुमराह भी एक-एक कैच नहीं लपक सके. 

पहली पारी में बेन डकेट को पहली पारी में दो बार 11 रनों के निजी स्कोर पर जीवदान मिला. इन दो जीवनदानों के चलते डकेट 62 रन बनाने में सफल रहे. वहीं दूसरी इनिंग्स में 97 रन पर बेन डकेट कैच छूटा और उन्होंने 149 रन बना डाले. पहली पारी में ओली पोप को 60 रनों के स्कोर पर जीवदान मिला और उन्होंने 160 रन बनाए. वहीं पहली इनिंग्स में हैरी ब्रूक का कैच 82 रनों पर कैच छूटा, जिसके बाद उन्होंने 17 रन और जोड़े. अपनी इनिंग्स की शुरुआत में जब ब्रूक 0 रन पर थे, तो बुमराह की गेंद पर वो आउट हो जाते, लेकिन वो बॉल नो-बॉल करार दी गई. दूसरी पारी में जेमी स्मिथ और जैक क्राउली को भी जीवदान मिले.

लोअर ऑर्डर का फ्लॉप शो: इस मुकाबले में भारतीय टीम के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों का प्रदर्शन शानदार रहा. यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और केएल राहुल ने एक-एक शतक लगाया, जबकि ऋषभ पंत ने दोनों पारियों में शतक जड़े. देखा जाए तो भारत ने इस मुकाबले में 786 रन (अतिरिक्त को छोड़कर) बनाए, जिसमें से 691 रन तो इन चारों के बल्ले से निकले. जबकि बाकी के सात खिलाड़ी 105 रन ही जोड़ सके. 49 रन अतिरिक्त के तौर पर भारत के खाते में जुड़े.

कहने का अर्थ यह है कि भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने अपेक्षाकृत योगदान नहीं दिया. पहली पारी में भारत के आखिरी 7 विकेट 41 रन पर गिर गए. जबकि दूसरी पारी में उसके 31 रन पर छह विकेट गिरे. इसी कारण भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ बड़ा स्कोर नहीं सेट कर पाई.

टीम सेलेक्शन में खामी: इस मुकाबले में भारतीय टीम 4 स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाजों के साथ उतरी थी. ये दांव भी भारत के लिए इस मुकाबले में उल्टा पड़ता दिखा. मुकाबले में चाइनामैन कुलदीप यादव की कमी साफ खलती दिखी. कुलदीप किसी भी पिच पर गेंद घुमाने की क्षमता रखते हैं और वो इंग्लिश बल्लेबाजों पर भारी पड़ सकते थे. कुलदीप यदि खेलते तो रवींद्र जडेजा को भी अच्छा सपोर्ट मिलता. भारतीय टीम बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को भी प्रसिद्ध कृष्ण या मोहम्मद सिराज की जगह इस मैच में मौका दे सकती थी. अर्शदीप के होने से पेस अटैक में नयापन देखने को मिलता.

खराब कैप्टेंसी: इस मुकाबले में शुभमन गिल की कप्तानी भी उतनी खास नहीं दिखी, जिनका बतौर कप्तान ये पहला टेस्ट मैच था. शुभमन गेंदबाजों को सही से रोटेट नहीं कर पाए और उनका अच्छे तरीके से इस्तेमाल भी नहीं किया. शार्दुल ठाकुर ने पहली पारी में सिर्फ 6 ओवर फेंके, जबकि दूसरी पारी में भी उनका इस्तेमाल सबसे कम हुआ. दूसरी पारी में जब बेन डकेट और क्राउली की ओपनिंग जोड़ी जम चुकी थी, तब टीम इंडिया की फील्ड सेटिंग काफी डिफेंसिव नजर आ रही थी.

बुमराह पर ज्यादा निर्भरता: इस मुकाबले में भारतीय टीम हार की एक वजह खराब गेंदबाजी रही. जसप्रीत बुमराह को छोड़ दें तो बाकी के गेंदबाज बेअसर दिखे. बुमराह ने पहली पारी में 5 विकेट लिए, वहीं दूसरी इनिंग्स में उन्हें विकेट जरूर नहीं मिला लेकिन उनकी गेंदबाजी सधी रही. प्रसिद्ध कृष्णा ने दोनों पारियों में 6 से ज्यादा की इकोनॉमी रेट से रन लुटाए. वहीं मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा की गेंदबाजी में भी पैनापन देखने को नहीं मिला.

 

 

 

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