मध्य प्रदेशराज्य

प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी भोपाल में खुलेगी, छात्रों का जहां मन वहां करें पढ़ाई

भोपाल
 मध्य प्रदेश में जल्द ही प्रदेश की पहली यूनिवर्सिटी की शुरुआत होगी. इसमें दाखिला लेने और क्लास अटेंड करने के लिए स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी में आने की जरुरत नहीं होगी. बल्कि वो दूर-दराज के क्षेत्रों और देश के किसी भी कोने में बैठकर एडमिशन ले सकेंगे और क्लास भी अटेंड कर सकेंगे. खास बात यह है कि इस यूनिवर्सिटी में किसी भी कोर्स को पूरा करने के लिए विद्यार्थियों पर तय समय की बाध्यता नहीं होगी. यानि स्टूडेंट स्वतंत्रता के साथ कोर्स को पूरा कर सकेंगे.

युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी यूनिवर्सिटी
डिजिटल यूनिवर्सिटी मौजूदा शैक्षणिक मॉडल यानि ऑनलाइन लर्निंग और ओपन डिस्टेंस लर्निंग का एक अभिनव संयोजन है. यह यूनिवर्सिटी छात्रों को डिजिटल तरीके से शैक्षणिक गतिविधियां सीखने में सक्षम बनाएगी. इसमें फिजिकल क्लास की जगह वर्चुअल या ऑनलाइन क्लासेस लगेंगी.

यह यूनिवर्सिटी हब एंड स्पोक मॉडल पर आधारित होगी. इस यूनिवर्सिटी में रोजगार को देखते हुए पाठयक्रम की शुरुआत की जाएगी. जो भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी.

बीच में पढ़ाई छोड़ने से नहीं बर्बाद होगा साल
डिजिटल यूनिवर्सिटी में छात्रों को अपनी सुविधानुसार कहीं से भी ऑनलाइन कक्षाएं लेने की सुविधा मिलेगी. यहां बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले स्टूडेंट का साल भी बर्बाद नहीं होगा, उन्हें मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा मिलेगी. इसके साथ ही छात्रों को विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने और क्रेडिट प्राप्त करने की सुविधा होगी.

डिजिटल यूनिवर्सिटी में आसान होगी पढ़ाई
डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिए छात्रों के लिए पढ़ाई करना काफी आसान होगा. उदाहरण के तौर पर यदि कोई सिलेबस 4 साल का है और स्टूडेंट्स उसे कम समय में पूरा करने में सक्षम है, तब उस छात्र को कम अवधि में कोर्स पूरा करने की अनुमति दी जा सकती है. इसी तरह से अगर कोई छात्र 4 साल के पाठ्यक्रम को 5 साल में करना चाहता है, तो वह डिजिटल यूनिवर्सिटी के माध्यम से उस कोर्स को 5 साल में पूरा कर सकेगा. यानि यहां छात्रों को अपनी इच्छा अनुसार कोर्स पूरा करने की स्वतंत्रता होगी.

एडवांस टेक्नालाजी पर आधारित कोर्स कराएगी यूनिवर्सिटी
बता दें कि, इस यूनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के साथ इंटरटेन आफ थिंग्स जैसे कुछ कॉन्सेप्ट के साथ एडवांस एजुकेशन सिस्टम को अपनाया जाएगा. यह एडवांस तकनीक के साथ एडवांस कोर्सेज करवाएगी. स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एण्ड आइटी, फाइनेंस एण्ड अकाउंटिंग, डाटा एनालिटिक्स और एनालिटिकल मैथेमेटिक्स जैसे केन्द्रों की स्थापना की जाएगी.

इसके तहत निजी क्षेत्रों के सहयोग से विभिन्न अत्याधुनिक तकनीक आधारित कोर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे. साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), ब्लाकचैन, डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, बायो-कम्प्यूटिंग, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एण्ड डिसरप्टिंग कन्वेंशन मॉडल आफ वर्क एंड बिजनेस जैसे एक्सीलेंस केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित है.

100 करोड़ रुपये आएगी निर्माण की लागत
उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि, ''मध्य प्रदेश में डिजिटल इंफ्रास्टक्चर और ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए देश की अन्य केंद्रीय यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी काम करेगी. इस यूनिवर्सिटी का लक्ष्य दुनिया से संबंधित विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानविकी में अनसुंधान और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके प्रदेश में ज्ञान की क्रांति लाना है. इस यूनिवर्सिटी के निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.''

आरजीपीवी परिसर में खुलेगी पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि, ''डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरुआत जल्द मध्य प्रदेश में होने जा रही है. पहले इसे श्यामला हिल्स में बनाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब इसे आरजीपीवी परिसर (Rajiv Gandhi Proudyogiki Vishwavidyalaya) में बनाने की योजना पर काम चल रहा है.''

''इसके लिए आरजीपीवी की तरफ से यूनिवर्सिटी के एक्ट का ड्राफ्ट बनाकर दिया जा चुका है. डिजिटल यूनिवर्सिटी पूरी तरह से स्वतंत्र होगी. खास बात यह है कि इस यूनिवर्सिटी में संचालित कोर्स स्टूडेंट देश के किसी भी कोने में बैठकर ऑनलाइन पूरा कर सकेंगे.''

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button